तेरी रजरोंने मेरी नजरोंसे
कुछ बात की है,
युही आखोने आखोसे
सौगात की है।
न जाने तु कुछ इजहार करना चाहती है।
नजरोंसे कुछ बात बया करना चाहती है।
मै हु यहा तु बस इजहार कर।
आखोंसे मुझसे कुछ बात कर।
युही आखोने आखोसे
सौगात की है,
तेरी रजरोंने मेरी नजरोंसे
कुछ बात की है।
तेरी आखोंका नशा चढ सा गया है।
नम हुई है सास धडकने बढ सी गई है।
मै झुम जाऊ ऊसमे कही वो उतरनेसे पेहले।
फिर कहा आएगा एसा मौका तेरा होने से पेहले।
युही आखोने आखोसे
सौगात की है,
तेरी रजरोंने मेरी नजरोंसे
कुछ बात की है।
--------------------------------------------------------------------------
वरील कवितेचा विडीयो पाहण्याकरिता खालील विडीयोवर क्लिक करा.
किवा पुढील युट्युब लिंकवर क्लिक करा:- https://www.youtube.com/watch?v=SnmmbeqAfro
No comments:
Post a Comment